
बात सुपौल सदर थाना के बैरो गाँव की है.मध्य विद्यालय बैरो में वर्ष 2005 से उसी गाँव के नवीन कुमार शिक्षक के पद पर पदस्थापित थे.शर्मनाक पहलू यह है कि उक्त शिक्षक दो बच्चे का बाप भी है.स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा प्रिया (काल्पनिक नाम) को शिक्षक नवीन कुमार ने अपने झांसे में ले लिया और उसके बाद शारीरिक शोषण का खेल शुरू किया.अभी उक्त छात्रा बगल क्ले गाँव के एक हाई स्कूल में नवमी कक्षा की छात्रा है.
शिक्षक नवीन कुमार का काला चेहरा ढंका ही रह जाता लेकिन बदकिस्मती ने इस स्याह पक्ष को उजागर कर दिया.प्रिया के साथ अन्तरंग क्षणों की असली तस्वीरें नवीन के मोबाइल में कैद थीं.एक दिन किसी दुकान में उसने अपना मोबाइल चार्ज करने को दिया. वहीं से उक्त तस्वीरें ब्लूटूथ के माध्यम से किसी ने उड़ा लिए.अब वे तस्वीरें सैंकडों मोबाइल में घूम रही है.अंततः यह मामला पुलिस तक जा पहुंचा.गाँव के ही एक दल विशेष से जुड़े कार्यकर्ता श्रवण कुमार ने डीएम के जनता दरबार में यह मामला उठाया.साक्ष्य के तौर पर अश्लील तस्वीरें पेश की गयीं.प्रथम द्रष्टया दोषी मानते हुए शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया है.
पुलिस ने मामले की जांच की जिम्मेवारी पुलिस निरीक्षक रामसहाय राय को सौंपी.हालांकि प्रिया इस बात से इनकार करती है कि वह उसकी तस्वीर है लेकिन पुलिस ने पटना के चर्चित एमएमएस कांड से सबक लेते हुए शिकायतकर्ता श्रवण कुमार से आवेदन और अश्लील तस्वीरों के आधार पर शिक्षक नवीन कुमार के खिलाफ आई टी अधिनियम 2000 की धारा 65 A तथा आईपीसी की धारा 376 B/211 एवं 120 B के तहत सुपौल सदर थाना कांड संख्यां 290/2012 दर्ज कर लिया है.
सूत्रों से जो जानकारी मिली है उससे स्पष्ट होता है कि शिक्षक नवीन कुमार ‘प्लेब्यॉय’ मानसिकता के शिक्षक हैं.इससे पहले भी उनकी विकृत मानसिकता का शिकार कुछ और भी लड़कियां हो चुकी हैं.जहाँ तक प्रिया का सवाल है, उससे जो गलती हुई होगी उसे क्षम्य इसलिए कहा जा सकता है कि वह मानसिक रूप से अबोध है.
बहरहाल इस घटना के बाद गुरु-शिष्या का सम्बन्ध कलंकित तो हुआ ही है, सबसे डरावनी बात यह है कि ऐसे कुकर्मी शिक्षकों के बीच किशोरवय छात्राएं महफूज नहीं हैं
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