
सुपौल जागरण प्रतिनिधि : सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा को लेकर कारीगरों द्वारा मूर्ति को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। मालूम हो भगवान श्री कृष्ण धरती पर जनक कल्याण के लिए आये थे। उनका उद्देश्य धरती पर हो रहे अनाचार को मिटाना था। उन्होंने युग को नव सृजन की दिशा में मोड़ा। ग्रंथों के अवतार का यही प्रयोजन है। जिसका आज भी लोगों के द्वारा परंपराओं को आदेशानुसार चला रहे हैं। लोगों के द्वारा आज भी मूर्ति बनाकर पूजन कार्य करने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। वहीं प्रखंड अंतर्गत कर्णपुर, परसरमा, बरूआरी, लौकहा, करिहो, बसबिट्टी एवं भेलाही में धूमधाम से पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। श्री कृष्ण भगवान का जन्म गुरूवार के मध्य रात्रि में होने की बात कहीं गई है। श्रद्धालुओं गुरूवार को उपवास रखेंगे एवं शुक्रवार को सुबह से लोगों द्वारा पूजा-अर्चना की जायेगी।
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