Sunday, 1 July 2012

पहली बारिश में ही नदी ने बनाया दबाव


पहली बारिश में ही नदी ने बनाया दबाव

सुपौल : कोसी के हालात ठीक नहीं हैं. विभाग सब कुछ ठीक-ठाक होने का दावा कर रही है. बावजूद इसके मानसून की पहली दस्तक ने ही कई नाजुक बिंदुओं पर चलाये गये सुरक्षात्मक कार्य की पोल खोल कर रख दी है.
नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश के बाद सोमवार को बढ़े जलस्तर ने कई नाजुक बिंदुओं को निशाना बनाया. दर्जनों नाजुक बिंदुओं पर जलस्तर में कमी के बाद भी नदी का भारी दबाव है.
नेपाल प्रभाग के पूर्वी बाहोत्थान बांध पर कई स्थानों पर नदी तटबंध के करीब है. ऐसे स्थानों पर सेंड बैग, बोल्डर क्र ेटिंग व पर्कोपाइन के सहारे नदी को तटबंध से दूर हटाने का प्रयास किया गया है. कई स्थानों पर बोल्डर के ऊपर बिछायी गयी तार की जाली टूट चुकी है. ऐसे स्थानों पर बोल्डर को एकत्रित रखने की कवायद फेल नजर आ रही है.
कोसी नदी अपने स्वभाव के अनुसार संपूर्ण मानसून सत्र में आक्रामकता दिखाती रहती है. जलस्तर बढ़ने पर तटबंध व स्परों को खतरा होता है, तो जल स्तर घटते ही कटाव तेज हो जाता है. गुरुवार को अभियंताओं द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन पर गौर करें तो कई स्थानों पर नदी तटबंध के स्परों पर भारी दबाव बनाए हुए है.
स्परों के नोज से नदी की धारा टकराती है व हर क्षण स्पर के नोज से नदी का जद्दोजहद चल रहा है. बचाव कार्य के तहत इस बार कई स्परों का जीर्णोद्धार किया गया है. दबाव वाले स्पर के नोज पर बोल्डर क्रेटिंग भी किया गया है.
लेकिन कई वर्षो से पूर्वी कोसी तटबंध की ओर खिसकती आ रही नदी हर वर्ष खतरे की घंटी बजा जाती है. पायलट चैनल के सहारे नदी की धारा को तटबंध के बीचोबीच बहाने की कवायद अब तक मूर्त रूप नहीं ले सका है.
इस वित्तीय वर्ष में एक अहम बात यह हुई कि बाढ़ निरोधात्मक कार्य को वर्ष के आरंभ से ही लागू किया गया. लेकिन जमीनी हकीकत के तौर पर यह विलंब से सामने आया. इसी का नतीजा है कि अभी तक तटबंध पर प्रकाश की व्यवस्था व कार्य पर लगाये गये अभियंताओं के ठिकानों को बनाने का कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
गत वर्ष स्थिति भिन्न थी. तटबंध के प्रत्येक किमी पर अभियंता, चौकीदार व प्रकाश की व्यवस्था की गयी थी. कड़ी चौकसी का परिणाम रहा कि साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित होने के बाद भी नदी के हर पल की खबर विभाग को लगती रही और स्थिति को तत्काल नियंत्रण में किया जाता रहा.
सिकरहटा मझारी के समीप नदी पश्चिमी तटबंध के समीप है और दबाव बनाए हुए है. संतोष की बात यह है कि मंगलवार के बाद से नदी के जलस्तर में गिरावट जारी है. नदी का जलस्तर 70 हजार क्यूसेक के करीब पहुंच चुका है. लेकिन इस बात का इत्मीनान नहीं कि कब नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में बारिश हो जाय व नदी उफनाने लगे.

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