Sunday, 29 July 2012

भूमिहीनों को अब भी नहीं आवास


सुपौल जागरण प्रतिनिधि: भले ही मेगा शिविर लगाकर इंदिरा आवास का लाभ लोगों को दिया जा रहा हो। लेकिन वैसा तबका जो भूमिहीन है, उन्हें आज भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। भले ही जमीन का ही अभाव क्यों न हो पर ऐसे लाभार्थी आज भी इससे वंचित हैं। भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराते इंदिरा आवास का लाभ दिये जाने की इस योजना को शुरू हुए तीन वर्ष बीत गये लेकिन अब तक निर्धारित लक्ष्य की तुलना में आधी उपलब्धि भी हासिल नहीं की जा सकी है। जिले में ऐसे 9341 महादलित परिवारों का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन अब तक 4554 परिवारों को ही जमीन उपलब्ध कराई जा सकी है। इनमें से वैसे परिवार जिनका नाम प्रतीक्षा सूची में है उन्हें प्रखंडों द्वारा इंदिरा आवास का लाभ दिया जा रहा है। बांकी बीपीएल सूची में अपना नाम दर्ज कराने की प्रतिक्षा में है। नतीजा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर मिलने में परेशानी हो रही है।
राज्य सरकार ने दलित, महादलित, पिछड़ा वर्ग अनुसूची-1 एवं 2 के सुयोग्य श्रेणी के वास स्थल भूमि रहित परिवारों को 3 डिसिमल जमीन क्रय कर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया निर्धारित की है। आवासीय प्रयोजन से 3 डिसिमल जमीन अधिकतम 20 हजार रुपये की लागत पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। भूमि क्रय हेतु अंचल पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। अंचल पदाधिकारी द्वारा जमीन क्रय किये जाने के बाद लाभान्वितों की सूची प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपी जाती है।
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इन परिवारों को उपलब्ध हुई है जमीन
प्रखंड- लाभुक परिवार
सुपौल- 301
किसनपुर- 662
पिपरा- 423
सरायगढ़- 657
बसंतपुर- 323
राघोपुर- 410
प्रतापगंज- 92
त्रिवेणीगंज- 618
छातापुर- 225
निर्मली- 258
मरौना- 585

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